वक्त था मेरा बस दिखाने आया था
चला गया वह जो कुछ बताने आया था ,,,
वक्त था मेरा बस दिखाने आया था
रुकता कैसे वो जो सिर्फ सुनने आया था ,,,
सब्र साहस डर से मुझे डर लगता था
निडर हूं कितनी यह सिखाने आया था,,,
मानो जैसे जानती ही नहीं थी खुद को
कितनी गहरी हूं खुद में यह समझाने आया था ,,,
था नहीं कोई और बस वक्त था मेरा
जो
मुझे
मुझसे मिलाने आया था ,,,
एक वक्त पर जब अच्छा नहीं लगता था
बुरा था क्योंकि जो सच्चा नहीं लगता था,,,
कुछ बातें थी जो समझ आनी जरूरी थी ,,,
कुछ अंदाज़ थे जो बताने की मंजूरी थी,,
कुछ-कुछ समझ आने लगा है,,
यह दुनिया यह दुनिया की दुनियादारी सिखाने लगा है ,,
यू हंसना जरूरी था ;
यू बहना जरूरी था ;
और जब समझ लगी तो सह जाना जरूरी था ,,,
नहीं गिरते तो शायद उठ नहीं पाते ,,,
गलत गलत है यह समझ नहीं पाते
और कुछ
लोग समय के बिना सीख नहीं पाते।।